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पति-पत्‍नी के रिश्‍तों पर बेडरूम का भी काफी प्रभाव होता है। जी हां आप मानें या नहीं, वास्‍तु के मुताबिक बेडरूम की साज सज्‍जा ही पति-पत्‍नी के बीच के रिश्‍तों की मुधरता तय करती है। चलिये बात अगर बेडरूम की आ ही गई है, तो उसकी साज सज्‍जा पर भी गौर कर ही लेते हैं। यहां हम आपको 10 टिप्‍स देंगे वास्‍तु के नियमों के मुताबिक बेडरूम को कैसे सजाएं। हम जब किसी अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदते हैं, तो चाह कर भी वास्‍तु के सारे नियमों के मुताबिक नहीं चल पाते। क्‍योंकि बिल्‍डर अपने मुताबिक बिल्डिंग बनाते हैं, आपके नहीं। तो ऐसे में अगर आप उसी बने हुए रूम को अपने तरीके से सजाएं वो भी वास्‍तु के मुताबिक, तो आपके जीवन में खुशियां हमेशा बनी रहेंगी। यदि आपका बेडरूम अच्‍छा है, तो घर में मानसिक शांति बनी रहेगी और आपकी सेक्‍सुअल लाइफ भी बेहतरीन रहेगी।

 प्रस्‍तुत हैं 10 टिप्‍स वास्‍तु की-

1. बेडरूम किसी प्रकार की चर्चा व बहस करने के लिए नहीं होता। यह सिर्फ आराम करने व सोने और लाइफ पार्टनर के साथ मस्‍ती करने के लिए होता है। बेडरूम में प्‍यार के अलावा अन्‍य बातें नहीं करनी चाहिये।

 2. बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए और इसी कोने में बेड भी रखना चाहिये। यदि आपने अपना बेड कमरे के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखा तो आपको ठीक से नींद नहीं आयेगी, आप तनाव से घिरे रहेंगे, आपको गुस्‍सा जल्‍दी आयेगा और बेचैनी सी बनी रहेगी।

 3. बेडरूम की बाहरी दीवारों पर टूट-फूट या दरार नहीं होनी चाहिये। इससे घर में परेशानियां आती हैं।

4. यह वो रूम होता है, जहां आप दिन भर के सात से 10 घंटे तक बिताते हैं, यानी इसके वास्‍तु का सीधा प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है। 5. मकान के मालिक अगर उत्‍तर-पश्चिम दिशा में स्थित बेडरूम में सेते हैं, तो अस्थिरता बनी रहती है, लिहाजा इस दिशा में घर के मालिक का बेडरूम नहीं होना चाहिए। घर के अन्‍य सदस्‍यों का बेडरूम यहां हो सकता है।

 5. घर के मालिक का बेडयम दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए, यदि किसी कारणवश नहीं है, तो दूसरा विकल्‍प दक्षिण या पश्चिम में हो सकता है।

6. बेड का सिरहाना दक्षिण की ओर होना चाहिये। इससे बेचैनी नहीं रहती है और रात में अच्‍छी नींद आती है उसका स्‍वास्‍थ्‍य उत्‍तम रहता है। उत्‍तर की तरफ सिर करके सोने से खराब सपने आते हैं और नींद अच्‍छी नहीं आती और स्‍वास्‍थ्‍य खराब रहता है। वहीं पूर्व की ओर सिर करने से ज्ञान बढ़ता है, जबकि पश्चिम की ओर सिर करके सोने से स्‍वास्‍थ्‍य खराब रहता है।

7. बेडरूम में कोई ऐसी तस्‍वीर मत लगायें, जो हिंसा दर्शा रही हो। बेडरूम की दीवार का रंग चटक नहीं होना चाहिये। साथ ही जिस तरफ बेड के सिरहाने वाली दीवार पर घड़ी, फोटो फ्रेम आदि नहीं लगायें, इससे सिर में दर्द बना रहता है। अच्‍छा होगा यदि आप बेड के ठीक सामने वाली दीवार पर कुछ मत लगायें। इससे मन की शांति बनी रहती है।

विवाह एक ऐसा स्थान है, वहां पर जो है, वह उस स्थान से बाहर निकलना चाहता है, और जो नहीं वह पहुंचने के लिए व्याकुल है। प्रत्येक नवयुवक/नवयुवती अपने दाम्प्त्य जीवन को सुखमय व्यतीत करने के लिए विभिन्न प्रकार के सपने अपने जेहन में संजोये होते हैं। तमाम प्रकार की भौतिक सुख-सुविधायें होने के बावजूद भी सपने अधूरे अधूरे रह जाते हैं। आखिर ऐसा क्यों है? कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके बेडरूम में कोई वास्तु दोष है। हो सकता है आपके कमरे में वास्‍तु दोष हो, और आपको पता तक नहीं हो। खैर हम आपको दे रहे हैं ऐसी टिप्‍स, जिनके माध्‍यम से आप अपने वैवाहिक जीवन में आनंद की वर्षा कर सकते हैं। इसके लिये वास्तु के इन नियमों का पालन अवश्य करें।

1. महिलायें ससुराल आने के बाद मुख्यद्वार से जब अपने बेडरूम की ओर बढ़े तो बहुत तेजी से बेडरूम में न जाये। नासिका का जो स्वर चल रहा हो, वही पैर आगे बढ़ाकर धीमी गति से बेडरूम में प्रवेश करें।

2. बेडरूम में रोमांस बनायें रखने के लिए सुंदर आकृतियों को लगायें। जैसे- छोटे बच्चों की तस्वीरें, कैंडल्स, गुलाब के फूलों की पेंटिग आदि।

3. विवाह के शुरूआती दिनों में अपने बेडरूम को लाल रंग से सजायें। जैसे- लाल रंग की बेड सीट, लाल रंग का प्रकाश आदि। सम्भव हो तो लाल रंग के फलों का भी सेंवन करना चाहिए।

4. बेड के सामने या पीछे मिरर नहीं होना चाहिए। यदि जगह की कमी के कारण मिरर रखना मजबूरी है तो उसे कपड़े से ढक कर रखें। बेडरूम में दर्पण होने से सम्बन्धों में निगेटिव एनर्जी का प्रभाव पड़ता है।

5. बेडरूम में किसी प्रकार का पौधा न रखें। पानी में नमक मिलाकर बेडरूम में पोंछा लगाना चाहिए।

6. बेडरूम से पानी वाली वस्तुओं को दूर रखना चाहिए। पानी का प्याला, मछली घर बेडरूम में कदापि न रखें।

7. बेडरूम में बेड पर केवल एक गद्दे का इस्तेमाल करना चाहिए। दो गद्दों का प्रयोग वैवाहिक जोड़े के भविष्य के लिए हानिकारक माना जाता है। 8. बेडरूम के मुख्यद्वार पर शाम के समय थोड़ा सा कपूर जलाना चाहिए, जिससे वहां की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है।

पिछले भाग में हमने बताया कि आपका बेडरूम कैसा होना चाहिये। साथ ही हमने यह भी बताया कि बेड का चयन करते वक्‍त किन-किन बातों का ध्‍यान रखें। लेकिन क्‍या आपको पता है कि भले ही आपका बेडरूम वास्‍तु के अनुसार डेकोरेट क्‍यों न किया हो, लेकिन अगर आपको सोने के नियम नहीं मालूम हैं तो आप तनावग्रस्‍त रहेंगे। यहां हम आपको बता रहे हैं सोने के कुछ नियम।

1- बेड या पलंग आरामदायक होना चाहिए, परन्तु बेड के बीचों-बीच कोई लैम्प, पंखा, इलैक्ट्रानिक उपकरण आदि नहीं होना चाहिए। अन्यथा शयनकर्ता का पाचन प्रायः खराब रहता है।

2- घड़ी को कभी भी सिर के नीचे या बेड के पीछे रखकर नहीं सोना चाहिए। घड़ी को बेड के सामने भी नहीं लगाना चाहिए अन्यथा बेड पर सोने वाला जातक हमेशा चिन्ताग्रस्त या तनाव में रहता है। घड़ी को बेड के बाॅयी या दाॅयी ओर ही लगाना हितकर रहता है।

3- बेड पर सादी डिजाइन तकिये व चादर रखने चाहिए न कि रंग- बिरंगी व अधिक डिजाइन वाले हो।

4- बेड रूम में मन्दिर व पूर्वजों की तस्वीरें न रखें।

5- बेड रूम में युद्ध वाले, डरावने और हिंसक जानवरों के चित्र नहीं लगाने चाहिए। सादे और सुन्दर चित्र या पेंटिंग लगाना शुभ रहता है।

6- बेड रूम में हल्के गलाबी रंग का प्रकाश होना चाहिए जिससे पति व पत्नी में अपसी प्रेम बना रहता है।

7- बेड रूम के दरवाजे के सामने पैर करके सोना भी अशुभ माना गया है।

8- वास्तु के अनुसार हमेशा दक्षिण दिशा में सिर व पश्चिम दिशा में पैर करके सोना चाहिए ताकि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के अनुसार आप दीर्घायु एंव गहरी नींद प्राप्त कर सकें।

यदि पढ़ाई करते वक्त बहुत ज़्यादा नींद आती हो, पढ़ाई में मन न लगे, रुकावटें आए तो इसके लिए छात्र को पूर्व की तरफ सिरहाना करके सोना चाहिए.

रत्येक अभिवावक की आकांक्षा होती है कि वह अपनी सन्तान को हर सम्भव साधन जुटाकर बेहतर से बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा सके जिससे उसके व्यकितत्व में व्यापकता आये और वह स्वंय जीवनरूपी नैय्या का खेवनहार बनें। सारी सुविधायें होने के बावजूद भी जब बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है एंव जो कुछ पढ़ते है, वह शीघ्र ही भूल जाते हैं या फिर अधिक परिश्रम करने के बावजूद भी परीक्षाफल सामान्य ही रहता है।

ऐसी सिथतियों में वास्तु का सहयोग लेने से आश्चर्यचकित परिणाम सामने आते है। अध्ययन कक्ष में इस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए कि बच्चों का पढ़ाई के प्रति रूझान बढ़े एंव मन एकाग्र होकर अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो सके।

1- घर में अध्ययन कक्ष ईशान कोण अथवा पूर्व या उत्तर दिशा में बनवाना चाहिए। अध्ययन कक्ष शौचालय के निकट कदापि न बनवायें।

2- पढ़ने की टेबल पूर्व या उत्तर दिशा में रखें तथा पढ़ते समय मुख उत्तर या पूर्व की दिशा में ही होना चाहिए। इन दिशाओं की ओर मुख करने से सकारात्मक उर्जा मिलती है जिससे स्मरण शकित बढ़ती है एंव बुद्धि का विकास होता है।

3- पढ़ने वाली टेबल को दीवार से सटा कर न रखें। पढ़ते वक्त रीढ़ को हमेशा सीधा रखें। लेटकर या झुककर नहीं पढ़ना चाहिए। पढ़ने की सामग्री आखों से लगभग एक फीट की दूरी पर रखनी चाहिए।

4- अध्ययन कक्ष में हल्के रंगों का प्रयोग करें। जैसे- हल्का पीला, गुलाबी, आसमानी, हल्का हरा आदि।

5- राति्र को आधिक देर तक नहीं पढ़ना चाहिए क्योंकि इससे तनाव, चिड़चिड़ापन, क्रोध, दृषिट दोष, पेट रोग आदि समस्यायें होने की प्रबल आशंका रहती है। ब्रहममुहूर्त या प्रात:काल में 4 घन्टे अध्ययन करना राति्र के 10 घन्टे के बराबर होता है। क्योंकि प्रात:काल में स्वच्छ एंव सकारात्मक ऊर्जा संचरण होती है जिससे मन व तन दोनों स्वस्थ्य रहते हैं।

6- अध्ययन कक्ष में किताबों की अलमारी को पूर्व या उत्तर दिशा में बनायें तथा उसकी सप्ताह में एक बार साफ-सफार्इ अवश्य करनी चाहिए। अलमारी में गणेश जी की फोटो लगाकर नित्य पूजा करनी चाहिए।

7-बीएड, प्रशासनिक सेवा, रेलवे, आदि की तैयारी करने वाले छात्रो का अध्ययन कक्ष पूर्व दिशा में होना चाहिए। क्योंकि सूर्य सरकार एंव उच्च पद का कारक तथा पूर्व दिशा का स्वामी है।

8- बीटेक, डाक्टरी, पत्रकारिता, ला, एमसीए, बीसीए आदि की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रो का अध्ययन कक्ष दक्षिण दिशा में होना चाहिए तथा पढ़ने वाली मेज आग्नेय कोण में रखनी चाहिए। क्योंकि मंगल अगिन कारक ग्रह है एंव दक्षिण दिशा का स्वामी है।

9- एमबीए, एकाउन्ट, संगीत, गायन, और बैंक की आदि की तैयारी करने वाले छात्रों का अध्ययन कक्ष उत्तर दिशा में होना चाहिए क्योंकि बुध वाणी एंव गणित का संकेतक है एंव उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व करता है।

10- रिसर्च तथा गंभीर विषयों का अध्ययन करने वाले छात्रों का अध्ययन कक्ष पशिचम दिशा में होना चाहिए क्योंकि शनि एक खोजी एंव गंभीर ग्रह है तथा पशिचम दिशा का स्वामी है।

यदि उपरोक्त छोटी-2 सावधानियां रखी जायें तो निशिचत तौर पर आप कैरियर में सफलता के सोपान रच सकते हैं।

 

If your child falls asleep during study hours, is unable to concentrate and keeps looking for excuses for not to study, then ask him to sleep with his head towards east direction.

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